दिल्ली सरकार 272 डाकियों से डर गयी और उसने अपनी निजी अंगरक्षक दिल्ली पुलिस को पहरे पर बिठा दिया.
अब हमने भी फ़ैसला किया है, कि ये 272 डाकिये नही, अरविंद के उपवास के ख़त्म होने पर, इन लाखों चिट्ठियों के मालिक खुद शीला दीक्षित का भविष्य बाँच कर आएँगे. तब इनको रोक कर दिखाए मुख्यमंत्री और अगर रोक दे तो फिर वोट लेकर दिखाए.